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बिहार से विस्थापित होकर बंगाल जाने को मजबूर हो रहे कुकुरबाघी पंचायत के आधी से ज्यादि आवादी

प्रदीप शर्मा, Dastak Today

पिछले कई वर्षों से बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले कुकुर बागी पंचायत क्षेत्र के चेन्गा नदी पर पुल निर्माण की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर विधायक एवं प्रशासन तंत्र से गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं कुकुरबागी पंचायत के करीब आधी आबादी से अधिक परिवार,

हालात इस प्रकार बन चुके हैं की कुकुरबाघी पंचायत के आधी आबादी बाढ़ नदी कटाव एवं प्रखंड मुख्यालय से अलग-थलग हो चुका है जिस कारण से उन्हें बिहार में रहने के बावजूद भी बिहार सरकार के द्वारा प्रदान की गई सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है पंचायत की आधी आबादी बिहार की बजाए पश्चिम बंगाल पर निर्भर है हालत इस प्रकार हो गई है कि अब वह सिर्फ एक पंचायत भर ही सीमित रह गए, स्थानीय निवासी गीता देवी का कहना हैं, कि पश्चिम बंगाल में भी उन्हें एक बिहारी कहकर पुकारा जाता है और खुलकर व्यापार नहीं करने दिया जाता है पश्चिम बंगाल में क्लब के द्वारा उसे व्यापार करने से रोक दिया जाता है,

स्थानीय ग्रामीणों ने मौजूदा मुखिया जनप्रतिनिधि पर भी आरोप लगाए कि मुखिया पद जीतने के बाद मुखिया जी जनता की हाल समाचार नहीं ले रहे आधी आबादी विस्थापित होने के कगार पर जा रही पर कुकुरबाघी मुखिया जी को इस बात की खबर तक नहीं

जिस कारण अब स्थानीय ग्रामीण बिहार सरकार से गुहार लगा रही कि उन्हें चेन्गा नदी पर एक पुल निर्माण दिया जाए
जिससे वह आसानी से बिहार के ठाकुरगंज अपने सुख सुविधाओं के लिए आन जान कर सके

इस मामले में ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने कहा, चेन्गा नदी पर पुल बन जाने से पंचायत की आधी से ज्यादा आबादी सीधे बिहार से जुड़ जाएगी रोज,मर्रा की जरूरतों की समान , स्वास्थ्य सुविधा एवं शादी विवाह में उन्हें किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा उन्होंने इस मामले में उच्च अधिकारी से बात करने की बात कही

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