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जिले में कालाजार के खात्मे के लिए सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव शुरू

प्रदीप शर्मा , चीफ एडिटर

जिले में कालाजार के खात्मे के लिए सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव शुरू
– 15 दल 07 प्रखंड के 34 राजस्व के गांव के 53601 घरो में करेगें छिड़काव

किशनगंज
जिले में कालाजार के खात्मे के लिए सोमवार 5 सितम्बर से जिले के 5 प्रखंडों में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड के छिड़काव की शुरुआत जिले के पोठिया प्रखंड स्थित धोबनिया माध्यमिक विद्यालय परिसर से की गयी । जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि छिड़काव कुल 60 दिनों का होगा। सभी दल जिले के सभी 07 प्रखंड के 34 राजस्व के गांव के 53601 घरो पर पूरी दिवाल पर सिर्फ छत को छोड़कर सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव करेंगे । एक दल में एक सीनियर फील्ड वर्कर और 5 फील्ड वर्कर रहेंगे । इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है और विशेष प्रिंटेड रजिस्टर में इसका लेखा-जोखा भी क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं द्वारा रखा जायेगा । उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ मंजर आलम , अभिनाश रॉय ,आदि स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे |
जिला स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा-
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया गया कि कार्यक्रम के पर्यवेक्षण के लिए जिला, प्रखण्ड एवं सामुदायिक स्तर पर दायित्वों का निर्धारण किया गया है । जिला स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिससे दिन प्रतिदिन कालाजार के मामलों में कमी आ रही है। वर्तमान में कालाजार रोग से पीड़ितों की संख्या मात्र 06 है। जिला वेक्टर पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि जिला को कालाजार से मुक्त करने के दिशा में स्वास्थ्य कर्मी व विभागीय अधिकारी लग गये हैं । इसके लिये महादलित बस्तियों, झुग्गी में कालाजार से बचाव के लिये लोगों को जागरूक करने के साथ साथ सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। कालाजार रोग का वाहक फ्लैबोटामस अर्जेंटाइप्स प्रजाति की मक्खी है, जिसके उन्मूलन के लिए मिल्टेफॉसिनस दवा का छिड़काव किया जाता है ।

जिले में मात्र 06 कालाजार के मरीज है :-
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि अभी जिले में लगातार कालाजार मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है। 2018 में सभी प्रखंडों में 50 केस प्राप्त हुए जबकि 2019 से जून 2022 तक कुल 52 मरीज पाए गये है जबकि इस वर्ष मात्र 06 केस मिले हैं ।जिसमे 01 केस ठाकुरगंज , 02 दिघल्बेंक में , 01 बहादुरगंज में तथा 02 पोठिया में मिले हैं।
एक दिनों में 55 घरों में छिड़काव का लक्ष्य
प्रभारी डीएमओ डॉ. मंजर आलम ने बताया कि छिड़काव कार्य योजना के अनुसार सभी कालाजार प्रभावित ग्रामों के सभी घरों, गौशालाओं में छिड़काव कराया जायेगा । एक दिन में छिड़काव के लिए 55 घरों में एसपी के छिड़काव का लक्ष्य रखा गया है। अगर किसी घर में बीमार या नवजात हो तो उस घर में छिड़काव नहीं किया जायेगा । छिड़काव में लगे कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। कहा कि क्षेत्र में इस तरह काम करावें कि वहां के लोगों मंक संदेश चला जाए कि कालाजार उन्मूलन के लिए दवा का छिड़काव किया जा रहा है तथा आशा और आंगनबाड़ी सेविका/ सहायिका के माध्यम से 2 दिन पहले ही घर वालों को सूचित कर दिया जायेगा जिससे छिड़काव करवाने में सुविधा होगी। गुणवत्तापूर्ण छिड़काव की दृष्टि से पर्यवेक्षण अत्यंत आवश्यक है। प्रत्येक दिन कार्य समाप्ति के बाद दिन भर के छिड़काव कार्य की मानक के अनुरूप समीक्षा की जाएगी एवं आवश्यक सुधार के लिए निर्देश दिया जायेगा। पैची छिड़काव एवं ओवरलैपिंग पर कड़ी निगरानी रखी जायेगी। प्रत्येक दल के दल नायक छिड़काव पंजी का संधारण करेंगे । जिसमें घर-घर छिड़काव की सूचना संधारित की जायेगी। साथ ही साथ पंचायत के सदस्य व मुखिया या वार्ड से छिड़काव के बाद प्रमाण पत्र भी प्राप्त करेंगे।

5 सितम्बर से माह नवम्बर तक 7 प्रखंडों में छिड़काव किया जायेगा :-
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि कालाजार की बीमारी से बचाव के लिए 5 सितम्बर से जिले के 5 प्रखंडों बहादुरगंज , दिघल्बेंक , तेधागाछ , ठाकुरगंज एवं पोठिया में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड के छिड़काव की शुरुआत की गयी है । वही जिले के किशनगंज प्रखंड 06 अक्टूबर एवं कोचाधामन में 12 अक्टूबर से छिड़काव की शुरुआत की जाएगी |जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने कहा कि प्रखण्ड स्तर पर जागरूक करने की भी आवश्यकता है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया की कालाजार उन्मूलन के लिए छिड़का के वक्त ध्यान में रखने वाली बातें

– घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें
– अच्छी तरह से घर की सफाई करें। खाने-पीने का सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर निकाल दें।
– भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर दें और उसे ढक दें।
– रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में छह फीट की ऊंचाई तक दवा का छिड़काव कराएं।

कालाजार के निम्नलिखित लक्षण हैं
– भूख कम लगना
– शरीर में पीलापन और वजन घटना
– तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना
– त्वचा सूखी और पतली होना
– लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।