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तीज पर्व में महिलाओं के लिए हरी चूड़ियां हरे वस्त्र पहनने सोलहों श्रृंगार करने व मेंहदी रचाने का विशेष महत्व है।

दीनानाथ शर्मा, Dastaktoday बिहार ब्यूरो,

सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया में मंगलवार को पति की लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाओं द्वारा तीज व्रत रख भगवान शिव व महागौरी की पूजा अर्चना की गई।

 

 

इस दिन महिलाएं मिट्टी या बालू से मां पार्वती व शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा अर्चना की। पूजन में सुहाग की सभी सामग्री एकत्रित कर थाली में सजाकर माता पार्वती को चढ़ाया गया। तीज पर्व में महिलाओं के लिए हरी चूड़ियां हरे वस्त्र पहनने सोलहों श्रृंगार करने व मेंहदी रचाने का विशेष महत्व है। मंगलवार को महिला उपवास रखकर बुधवार को सूर्योदय के बाद महिलाएं व्रत समाप्त करेंगी। बताया जाता है कि व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय के पूर्व ही उठ कर स्नान आदि कर पूरे सोलह श्रृंगार करते हुए पूजन के लिए केले के पत्ते से मंडप बनाती है तथा गौरी शंकर की प्रतिमा स्थापित कर माता पार्वती को सुहाग की सामान चढ़ाती है और रात को भजन कीर्तन करते हुए जागरण कर आरती करती है। साथ में व्रतियां भगवान शिव व पार्वती की विवाह की कथा सुनती है पंडित सिद्धेश्वर नाथ द्विवेदी ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप पाने के लिए कठोर तपस्या की थी इससे प्रसन्न होकर शिवजी ने तीज के दिन ही मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।