
एक अच्छे अस्पताल का आधुनिक जीवन में महत्व बढ़ता ही जा रहा है। शिशु जन्म की आधारशिला जब गर्भ में प्रस्फुटित होती है तब से ही स्वास्थ्य सेवा की जरूरत महसूस होने लगती है तथा अच्छे डॉक्टर के हाथों मृत्युशय्या पर पड़े मरीज भी जीवनदान के अधिकारी बन जाते है। शहरों से दूर ग्रामीण क्षेत्र में अत्याधुनिक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल खोलना और उसे सफलतापूर्वक चलाना कितना चुनौतीपूर्ण कार्य है ये ठाकुरगंज में डॉ आसिफ सईद ने ’नियाज़ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ’ के संचालन द्वारा दिखाया है।
3 वर्ष पूर्व जब अस्पताल की शुरुआत हुई थी तो दो तरह की चर्चा आम थी। एक चर्चा इस बिंदु पर केंद्रित थी कि सिलीगुड़ी, इस्लामपुर और किशनगंज जैसे बड़े शहरों से घिरे होने के बावजूद उच्च स्तरीय सुविधाएं देने वाला अस्पताल ठाकुरगंज जैसे छोटे सेंटर पर खोलना क्या सफल साबित होगा? दूसरी ओर इस बात पर भी चर्चा हो रही थी कि अस्पताल की सर्विस कैसी होगी? डॉक्टर कैसे होंगे? क्या मरीज बड़े शहरों की ओर न जाकर ठाकुरगंज में ही इलाज करवाना चाहेगा?
अब तीन साल सभी प्रश्नवाचक चिन्हों पर पूर्णविराम लग चुका है। अस्पताल लगातार नित नई सेवाएं दे रहा है। बड़े बड़े ऑपरेशन/सर्जरी अब ठाकुरगंज में ही हो रहे है। इमरजेंसी सेवा ने सैकड़ों लोगों की जान बचाई है। इलाके की गर्भवती महिलाओं को इस अस्पताल से खास तौर पर लाभ मिला है। अस्पताल प्रबंधन समय समय पर फ्री ओपीडी कैंप व ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाता है।
कम समय में ही नियाज़ अस्पताल ने सिर्फ ठाकुरगंज ही नहीं बल्कि किशनगंज जिले और आसपास के इलाकों में भी अपनी विशेष पहचान बनाई है। ठाकुरगंज को ’नियाज़’ पर ’नाज़’ है
