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मानसून की पहली बरसात में टूट कर बिखड़ी नवनिर्मित NH327E 👇

बिहार में जितने दिल नहीं टूटते उतने तो सड़क और पुल टूट रहे कुछ ऐसा ही बिहार के किशनगंज जिले में हो रहा फिर भी एनएचएआई के अधिकारी तो बारिश कों ही जिम्मेदार बता रहे


मोदी सरकार की महोत्वकांक्षी परियोजनाओ में से एक एनएच 327-ई जो नेपाल सीमा के करीब से गुजरती हैं ऐसे में यह सड़क सुरक्षा की दृश्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है जिसका निर्माण वर्ष-2021 में एक-हजार-करोड़ से अधिक की लागत से प्रारम्भ किया गया था दो फेज में निर्माण होने वाली यह सड़क एक ही कंपनी कों दे दी गई ताकि सरक की गुणवत्ता से समझौता न हो और जल्द सड़क निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाए लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही सड़क जर्जर स्थिति में आ गई हैं, ग्रामीण तो यह भी बताते हैं की सड़क का निर्माण ही ख़राब हुआ हैं
यह हाल एक ही सड़क की नहीं हैं बल्कि कुछ वर्ष पूर्व निर्माण किए गए रेल लाइन के ऊपर बने ओवरब्रिज का भी हैं जो कई स्थानों पर जर्ज़र होने के साथ ही सड़क पर तालाब के ऐसी दृश्य देखने को मिल रहा, मानो सड़क नहीं कोई बरा तालाब हो ऐसा नहीं हैं की इसकी जानकारी अधिकारियो कों नहीं हैं बल्कि कुछ दिन पूर्व ही अंचलाधिकारी ने भी उक्त स्थान का निरिक्षण करने पहुंची थी फिर भी अब तक कोई बिकल्प नहीं निकाला गया