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स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक में नियमित टीकाकरण पर दिया गया ज़ोर



-स्वास्थ्य केंद्रों में एएनसी जांच और टीकाकरण में तेजी लाने का मिला निर्देश
-सभी स्वास्थ्य कर्मियों को शत प्रतिशत कार्य करने की जरूरत


जिले के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्धेश्य से स्वास्थ्य संस्थानों में हर तरह की सुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है। सामुदायिक स्तर पर बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंच सके, इसको लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। ताकि एक भी जरूरतमंद स्वास्थ्य सेवा से वंचित नहीं रहे और यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग प्रयत्नशील है। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर 148 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्यरत है। जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा रही है। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण को लेकर किये जा रहे विभागीय प्रयासों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी तुषार सिंगला की दिशा—निर्देश में जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्र में उपलब्ध सुविधाओं के साथ वहां से मरीजों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी के लिए सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार की अध्यक्षता में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक का आयोजन एएनएम् स्कूल प्रांगन में किया गया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार के द्वारा सभी अधिकारियों को सभी स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों को मिल रहे ओपीडी सुविधा, गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, लैब व्यवस्था, अस्पताल में उपलब्ध दवाइयों की जानकारी लेते हुए समय से सभी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करने का आवश्यक निर्देश दिया गया। इस क्रम में सबसे अधिक जोड़ नियमित टीकाकरण पर रहा वही टेली कंस्लटेशन, स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी सेवाओं का संचालन, गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, सुरक्षित प्रसव, टीबी मुक्त भारत अभियान सहित महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। बैठक में सिविल सर्जन, डीएस , सीडीओ ,डीपीएम् , सहयोगी संस्था के पदाधिकारी , सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद हुए ।

स्वास्थ्य केंद्रों में एएनसी जांच और टीकाकरण में तेजी लाने का मिला निर्देश :

बैठक में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने सभी सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा की जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा निर्देश के आलोक में जिले के सभी अस्पतालों में मरीजों को मिल रही सुविधाओं को बढ़ाने का निर्देश दिया गया है । उन्होंने कहा कि सभी सामुदायिक , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों , हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के दिन में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच होने में आसानी होती है और ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं द्वारा इसका लाभ भी उठाया जाता है। सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सभी चार प्रसव पूर्व जांच करवाने के लिए जागरूक करने की जरूरत है। इससे जटिल गर्भवती महिला की विशेष पहचान सुनिश्चित करते हुए उन्होंने बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान किया जा सकता है। जटिल गर्भवती महिलाओं की सभी जानकारी समय से स्वास्थ्य विभाग को अपडेट करना सुनिश्चित करना है। सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के साथ नवजात शिशुओं के नियमित टीकाकरण सुविधा में भी तेजी लाना आवश्यक है। सभी स्वास्थ्य केन्द्र भी सुनिश्चित टीकाकरण लक्ष्य के अनुसार टीकाकरण सुविधा में तेजी लाना चाहिए। सभी जानकारी समय पर स्वास्थ्य विभाग को ऑनलाइन रिपोर्ट करना है |

अस्पताल में ओपीडी जांच और लैब रिपोर्ट में तेजी लाने का निर्देश :

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बैठक में सभी अस्पताल में उपलब्ध मरीजों की ओपीडी जांच करने के साथ साथ मरीजों का लैब टेस्ट की जानकारी ऑनलाइन रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक, सामुदायिक एवं रेफरल स्वास्थ्य केंद्रों में हर महीने 2000 से अधिक मरीजों की जांच की जाती है। उसमें से बहुत मरीजों का लैब टेस्ट की किया जाता है। जिले के सभी अस्पताल में लैब टेस्ट की सभी सुविधाएं उपलब्ध है। इसके उपयोग के बाद सभी रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य विभाग को समय से देने की जरूरत है। जिस अस्पताल में लैब मशीन में कोई समस्या होता है तो उसकी जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ राज्य स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित करना सुनिश्चित करें। इसकी जानकारी जल्द होने पर सभी लैब मशीन को टेक्निकल टीम द्वारा जल्द ठीक करवाया जाता है और मरीजों को सुविधा का लाभ आसानी से उपलब्ध हो सकता है।

सदर अस्पताल एनक्यूएएस नेशनल प्रमाणपत्र के लिए तैयार करने का मिला निर्देश :
सिविल सर्जन डॉ अर्जेश कुमार ने कहा की जिले के सदर अस्पताल के लेबर रूम को लक्ष्य योजना के तहत वर्ष 2023 में लक्ष्य सर्टिफिकेशन किया जा चुका है।वही अब बहुत जल्द ही नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन के लिए जिले के सदर अस्पताल का जल्द ही रीजनल स्तरीय टीम के द्वारा निरिक्षण किया जाना तय है । इसके लिए संबंधित अस्पताल को तैयार रहने की जरूरत है। इसके लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधा को बेहतर रखते हुए ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने की जरूरत है।

सभी स्वास्थ्य कर्मियों को शत—प्रतिशत कार्य करने की जरूरत :

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को और अधिक मेहनत से काम करने की जरूरत है। सभी अस्पताल में होने वाले सुविधाओं की सभी डेटा एंट्री ठीक से होना चाहिए क्योंकि भारत सरकार द्वारा सभी रिपोर्ट ऑनलाइन के माध्यम से नियमित विश्लेषण किया जाता है। इसलिए इसमें कोई कमी नहीं होना चाहिए। अगर किसी अस्पताल में कोई समस्या है तो इसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें और समय से इसका निकरण करें। उसी अनुसार अस्पताल के कार्यों का समीक्षा होता है और अस्पताल को रैंकिंग मिलता है। ज्यादा अच्छा रिपोर्ट होने पर संबंधित अस्पताल को प्रमाणपत्र और सहयोगी राशि प्रदान किया जाता है।