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पति – पत्नी कों 5 वर्षो से था बच्चे का इंतजार, सरकारी अस्पताल की कु-व्यवस्था ने तोड़ा सपना?


पति – पत्नी कों था 5 वर्षो से थी बच्चे का इंतजार, सरकारी अस्पताल कर्मी की लापरवाही ने तोड़ा सपना

बिहार में सरकार किसी की भी हो या चाहे अधिकारी लाख दावे कर ले पर स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चौपट नज़र आती हैं, पूरी व्यवस्था कागजो में ही सिमट कर रह जाती हैं पर आम गरीब जनता अब भी भगवान भरोसे ही हैं, दरसल ऐसा कुछ मामला किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र के गलगलिया निवासी शिवरतन सहनी व उनकी पत्नी के साथ बिता हैं, पिछले पांच वर्षो से शिवरतन सहनी व उनकी पत्नी बच्चे के इंतजार में थी फिर ऊपर वाले ने उनकी सुनी पर कौन जानता था की सरकारी अस्पताल की व्यवस्था सिर्फ कागजो तक ही सिमित रह जाती हैं, आवेदक शिवरतन सहनी के दिए गए आवेदन के अनुसार : ज़ब शिवरतन अपनी पत्नी कों गर्भाशय अवस्था में ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शनिवार की रात कों ले गया तो उन्हें अस्पताल में कई घंटो के बाद डॉक्टर्स के दर्शन हुए फिर पत्नी के दर्द की पीरा डॉक्टर्स कों बताए जहाँ डॉक्टर्स ने उन्हें सेवर रूम में ले जाने कों कहा पर अस्पताल प्रशासन द्वारा रूम उपलब्ध नहीं कराया गया और उक्त मरीज कों घर वापस भेज दिया गया, ज़ब दर्द बढ़ा तो फिर शिवरतन ने अपनी पत्नी कों वापस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज लाया जहाँ कई घंटे इंतजार के बाद डॉक्टर पहुचे जिसके बाद A. N. M द्वारा बच्चे कों मृत बताए गया,


बच्चे की मृत की खबर सुन कर परिवारजनों में मातम सा छा गया, जिसके बाद दिन सोमवार कों पीड़ित शिवरत्न सहनी ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए और किशनगंज सिविल सर्जन के नाम ज्ञापन प्रभारी कों सौंपे
उक्त मामले में ANM सबिता कुमारी ने मामले कों सिरे से नकार दिया उन्होंने आरोप कों गलत बताई , जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज प्रभारी डॉ. अनिल कुमार ने आवेदन के आलोक में जाँच करने की बात कही