प्रदीप शर्मा, DastakToday, news
अपने पोते के इलाज के लिए दर-दर भटक रहे आदिवासी समाज की महिला
जिले में नहीं रुक रहा बाल श्रम, भागने की कोशिश करने पर तोड़ दी रीड की हड्डी
बाल श्रम किसी भी देश के लिए एक ऐसा कीड़ा है, जो देश की उन्नति में युवाओं की भागीदारी को रोकता है, बाल श्रम रोकने के लिए हम देश में बाल दिवस मनाते हैं कई सारे वादे करते हैं एवं कई सरकारी योजनाएं चलाई जाती है सरकार द्वारा कई एजेंसी इस और कार्य कर रही है
। इतना ही नही जिले में कई संस्था कार्य कर रही है। लेकिन फिर भी गरीबी के कारण कितने बच्चे बाल मजदूरी के कारण आज भी शोषित होकर न्याय की गुहार लगा रहे है। जिसका जीता जागता उदाहरण बिहार राज्य के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज नगर के वार्ड नंबर 04 के आदिवासी टोला भीमवालिस निवासी श्याम है। मंगलवार को वो अपने दादी संग आपबीती सुनाकर मुख्य पार्षद सिकंदर पटेल से न्याय की गुहार लगा रहा था। यहां तक की यह बच्चा महादलित समाज से आता है,
श्याम ने बताया उसके मां के मरने के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली।जिसके बाद वो अपनी बूढ़ी दादी के साथ रहता था।उसकी दादी भिक्षा मांगकर जैस -तैसे दोनो का भरण पोषण करती थी।तीन वर्ष पूर्व एक व्यक्ति काम सिखाने के बहाने दिल्ली ले गया।और मजदूरी मांगने पर पिटाई करके कुछ माह पूर्व बीमार अवस्था में घर भेज दिया
इलाज के लिए दर बदर भटक रहा है श्याम
14 वर्षीय श्याम का कहना कि छतरगाछ निवासी अमित नामक व्यक्ति उसे दिल्ली में काम सिखाने के साथ पढाई लिखाई के नाम पर तीन वर्ष पूर्व दिल्ली ले गया था। जहां उत्तरी दिल्ली में किसी फैक्ट्री में सिलाई व बटन लगाने के नाम पर काम पर लगा दिया।उसके बदले उसे खाना -पीना व दो हजार प्रत्येक माह मजदूरी देने की बात की।कुछ माह जब मैं घर जाने की बात करता तो डरा -घमका के मुझे रहने पर विवश किया जाता था।देखते -देखते लगभग तीन वर्ष होने पर मैं घर जाने व मजदूरी की मांग करने लगा ।जिसके बाद मेरी लाठी व लातो से पिटाई की जाती थी। लगातार पिटाई से पीठ के पीछे मेरे रीढ़ की हड्डी फूल गई।जिससे मैं कोई काम करने में असमर्थ होने लगा।जिसके बाद उन लोगो ने मेरा प्राथमिक इलाज
उत्तरी दिल्ली के हिन्द् राय अस्पताल में कराया।लेकिन अधिक अस्वस्थ होने पर मुझे मेरे घर भेज दिया। भेजने के समय उन लोगो ने कहा था अब तूम 14 वर्ष हो चुके हैं मेरा कुछ नही बिगाड़ सकते हो।
जिसके बाद से इलाज व न्याय के लिए दर बदर भटक रहा हूं।
मुख्य पार्षद ने न्याय के लिए किया जाएगा प्रयास
मुख्य पार्षद सिकंदर पटेल ने बताया कि कुछ गिरोह है जो गरीबी के दंश झेल रहे बच्चो को बहला फुसलाकर महानगरो में बाल मजदूरी के दलदल में धकेल रहे हैं।श्याम को न्याय दिलाने हेतू वरीय अधिकारियों के संज्ञान में मामला देकर कार्रवाई की मांग की जाएगी। ताकि ठाकुरगंज नगर से कोई भी बच्चा बाल मजदूरी के चक्कर में शोषित होकर न्याय हेतू दरबदर न भटके।
सवाल यह उठता है कि जब जिले में बाल श्रम रोकथाम के लिए कई संस्थाएं एवं चाइल्ड लाइन वह श्रम अधीक्षक जैसे बड़े अधिकारी है तो इस बच्चे को अब तक न्याय क्यों नहीं मिला आखिर कौन है वह अमित? बच्चा आज तक न्याय के लिए दर-दर भटक रहा क्यों?
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