चंदन झा DASTAK TODAY
छठ महापर्व से जुड़ा महत्वपूर्ण अनुष्ठान खरना व्रतियों द्वारा भक्तिभाव से विधिपूर्वक मनाया गया।खरना के साथ ही व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास का कठिन व्रत भी शुरू हो गया।व्रत का समापन अब सोमवार को सुबह की बेला में सूर्य देव को समर्पित अर्घ्य के साथ होगा।खरना के बाद अब व्रती रविवार शाम को होने वाले अर्घ्य से जुड़े अनुष्ठान की तैयारी में जुट गए हैं।खरना छठ से जुड़ा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।छठ मइया को समर्पित यह अनुष्ठान शाम वाले अर्घ्य से एक दिन पहले संपन्न किया जाता है। खरना में छठी माता को गुड़ व दूध में बनी खीर,पूड़ी,रोटी,केला व मिठाई का चढ़ावा चढ़ाया जाता है।खास बात यह है कि इस अनुष्ठान में व्रती अकेली भाग लेती हैं।अनुष्ठान के समय व्रती को कोई भी टोक नहीं सकता है।इसका सख्ती से पालन करना अनिवार्य है।खरना का प्रसाद सबसे पहले व्रती द्वारा ग्रहण किया जाता है। इसके बाद इस प्रसाद को सभी को बांटा जाता है।पोठिया निवासी हेना देवी झा व मसुमात मंजू ने बताया कि यह पर्व शुद्धता का पर्व है।इसमें बहुत सी बातों का ध्यान रखा जाता है।खरना के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।अब रविवार सन्ध्या को अर्घ्य देने की तैयारी शुरू हो चुकी है।पोठिया निवासी पुरुषोत्तम झा ने बताया कि बिहार में इस पर्व के दौरान उत्सव का माहौल रहता है।लोग साल भर कहीं भी रहें,लेकिन इस पर्व में घर जरूर पहुंचते हैं।रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।इसके लिए तैयारी चल रही है।