प्रदीप कुमार, एडिटर Dastak Today
बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत कुकुरबाघी पंचायत बेसनडूबा के लोग बिहार में होने के बावजूद भी बिहार के जनप्रतिनिधि या प्रशासन उन्हें सरकारी सुविधाओं से रख रहे वंचित :- पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने बताया बिहार के होने के बावजूद भी इन ग्रामीणों को एक टापू नुमा गांव में रहने को होना पर रहा है मजबूर,
चैनगानदी पर पुल नहीं रहने के कारण हालात किस प्रकार बन गए हैं अब इन्हें बिहार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है , ग्रामीण बताते हैं कि बिहार और बंगाल के सीमा पर स्थित है या गांव बंगाल जाने की तो सुविधा है पर बिहार जाने की किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है अगर हम किसी जरूरी कार्य से बंगाल जाते हैं, या फिर स्वास्थ्य इलाज के लिए बंगाल के अस्पताल जाते हैं तो वहां के सरकारी डॉक्टर हमें बिहारी कह कर पुकारते हैं, कहते हैं आपका आधार बिहार का है जबकि ना बिहार से आने की सुविधा है ना बिहार जाने की सुविधा है हमें निजी अस्पताल में अधिक रकम देकर अपना स्वास्थ्य का इलाज कराना पड़ता है मजदूरी करने भी हमें बंगाल जाना पड़ता है घरों के जरूरी सामान लेने के लिए बंगाल जाना पड़ता है, वहीं मौजूदा विधायक सऊद आलम से कई बार ग्रामीणों ने संपर्क करने की कोशिश की पर उन्होंने इस और ध्यान नहीं दिया |
पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने कहा यह मौजूदा विधायक के वोटर नहीं है इस वजह से वह चाहते नहीं इस नदी पर पुल बने यहां करीब तीन हजार हिंदू परिवार रहते हैं शायद इसी वजह से इसे अपेक्षित रखा जा रहा ग्रामीणों ने कहा 70 वर्षों से इस गांव में ग्रामीण गुजारा करने को है मजबूर रोजी-रोटी की तलाश में जाना पड़ता है, बंगाल जबकि बंगाल में उन्हें ,सम्मान से रोजी-रोटी का जुगाड़ करने को भी नहीं दिया जाता ग्रामीण प्रशासन और जनप्रतिनिधि से मांग कर कर थक चुके हैं,
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