दरअसल यह मामला बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज नगर स्थित उच्च विद्यालय का जहां 26 जनवरी को सरस्वती पूजा का आयोजन विद्यालय में नहीं किया गया जिससे बच्चों में खासी नाराजगी देखी गई,
इस मामले में राजनीतिक पार्टियां भी स्कूल प्रशासन के खिलाफ बयान देने लगे राजद नेता मुस्ताक आलम ने कहा परंपरागत स्कूलों में सरस्वती पूजा बच्चे आयोजित करते हैं जिसमें प्रधानाध्यापक एवं सभी अध्यापक गण शामिल होते हैं अगर उच्च विद्यालय में सरस्वती पूजा आयोजित नहीं की गई तो यह दुख की बात है इसके लिए मैं स्कूल प्रशासन से बात करूंगा जब इस मामले में स्कूली बच्चों से बात की गई तो एक छात्र ने कहा इसके लिए पहले से कोई पहल नहीं की गई जिस कारण से सरस्वती पूजा आयोजित नहीं हो पाई, इस मामले में प्रधानाध्यापक से बात की गई तो उन्होंने साफ लफ्जो में कहा मैं कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दूंगा,
सवाल यह उठता है कि आखिर सीमांचल के ही स्कूलों में ही राजनीतिकरण क्यों होने लगा कभी स्कूलों की रविवार एवं शुक्रवार छुट्टी को लेकर मामला उठाया जाता है तो कभी स्कूलों में सरस्वती पूजा को बंद कर दिया जाता है आखिर सीमांचल क्षेत्र से क्या देश को संदेश देने की कोशिश की जा रही है खैर जो भी हो पर स्कूल प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए,